हिंदी कहानियां - भाग 180
उसकी ना के बाद भी उसकी हां का इंतज़ार है
उसकी ना के बाद भी उसकी हां का इंतज़ार है इन 5 सालों में ज़िंदगी इतनी बदल गई पर उसके बिना जीना नहीं सीखा पायी। आज भी मैं चाहती हूं कि 5 साल वापस जाकर अपनी ज़िंदगी के वो हसीन पल फिर से उसके साथ जी लूं। वो लम्हे अभी भी मेरे जेहेन में कायम हैं। मैं उसे पसंद करने लगी थी। एक दिन मैंने उसे अपनी दिल की बात कह दी, बस वही हमारी आखिरी मुलाकात थी और उसके बाद उसने धीरे-धीरे मुझसे बात करना छोड़ दिया। पर अभी भी जब मन बहुत बेचैन होता है और उसकी यादें मुझे परेशान करने लगती हैं, तो उसे फोन करती हूं पर वो कभी भी मेरा फोन नहीं उठाता। उसके साथ मैंने अपनी फीलिंग्स क्या शेयर की, वो मुझसे बहुत दूर चला गया। ज़िंदगी तुम्हारे बिना अधूरी है, लौट आओ। तुम्हे मैं नही भूला पा रही।